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Putin-Xi Jinping Meeting : 150 साल तक जिएंगे इंसान? पुतिन-जिनपिंग की बातचीत ने उड़ाए होश

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जब दुनिया के दो सबसे ताकतवर और चर्चित नेता एक साथ आते हैं, तो हर किसी का ध्यान उनकी ओर जाता है। हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात ने पूरी दुनिया को चौंका दिया। बीजिंग में एक शानदार सैन्य परेड के दौरान इन दोनों की बातचीत का एक हिस्सा हॉट माइक पर रिकॉर्ड हो गया, जिसने सबको हैरान कर दिया। आखिर क्या थी वो बातें जो इतनी सनसनीखेज थीं? आइए, जानते हैं इस मुलाकात की पूरी कहानी!

हॉट माइक ने खोले बड़े राज

ये वाकया तब हुआ जब पुतिन और शी जिनपिंग कंधे से कंधा मिलाकर बीजिंग के तियानमेन स्क्वायर की ओर बढ़ रहे थे। इस दौरान उनकी बातचीत का एक हिस्सा हॉट माइक पर कैद हो गया। दोनों नेताओं ने बायोटेक्नोलॉजी, मानव अंग प्रत्यारोपण और इंसान की उम्र को 150 साल से ज्यादा करने जैसे गंभीर और चौंकाने वाले मुद्दों पर चर्चा की।

पुतिन के अनुवादक को चीनी भाषा में कहते सुना गया, “बायोटेक्नोलॉजी में तेजी से प्रगति हो रही है। अब मानव अंगों का प्रत्यारोपण पहले से कहीं ज्यादा आसान है।” उन्होंने आगे कहा, “जितने लंबे समय तक आप जीवित रहेंगे, उतने ही युवा दिखेंगे और शायद अमरता भी हासिल कर सकते हैं।” ये सुनकर हर कोई हैरान रह गया। क्या वाकई इंसान अमर हो सकता है?

शी जिनपिंग का जवाब और किम की मुस्कान

शी जिनपिंग ने इस पर जवाब देते हुए कहा, “कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस सदी में इंसान 150 साल तक जी सकता है।” इस दौरान वहां मौजूद उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन को हल्के से मुस्कुराते हुए देखा गया। हालांकि, इस बातचीत का बाकी हिस्सा रिकॉर्ड नहीं हुआ, लेकिन जो कुछ सुनाई दिया, वो दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गया। क्या बायोटेक्नोलॉजी सचमुच इंसान को अमर बना सकती है? ये सवाल अब हर किसी के मन में है।

SCO शिखर सम्मेलन और अहम मुलाकातें

पुतिन बीजिंग में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने न सिर्फ शी जिनपिंग के साथ गहरी बातचीत की, बल्कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की। सैन्य परेड के अलावा पुतिन और जिनपिंग ने ऊर्जा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और अन्य क्षेत्रों में 20 से ज्यादा समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इन समझौतों ने रूस और चीन के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने का संकेत दिया।

इसका मतलब क्या है?

पुतिन और शी जिनपिंग की इस बातचीत ने न सिर्फ बायोटेक्नोलॉजी के भविष्य पर सवाल उठाए हैं, बल्कि ये भी दिखाया है कि दुनिया की महाशक्तियां अब विज्ञान और तकनीक के नए क्षेत्रों की ओर बढ़ रही हैं। क्या ये बातचीत सिर्फ एक अनौपचारिक चर्चा थी, या इसके पीछे कोई बड़ा वैज्ञानिक एजेंडा है? ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन इतना तय है कि इस मुलाकात ने पूरी दुनिया को सोचने पर मजबूर कर दिया है।

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